Skip to content

भूमरो भूमरो

भूमरो भूमरो शाम रंग भूमरो
आए हो किस बगिया से ओ ओ तुम
भंवरे ओ शाम भंवरे खुशियों को साथ लाए
मेहंदी की रात में तुम लेके सौगात आए
ओ काजल का रंग लाए नज़रें उतारने को
बागों से फूल लाए रस्ते सँवारने को
आओ मेहंदी की छांव में गीत सुनाएं भूमरो
झूमें नाचें साज़ उठाएं जश्न मनाए भूमरो
हो भूमरो भूमरो ...

खिल खिल के लाल हुआ मेहंदी का रंग ऐसे
गोरी हथेलियों पे खिलते हों फूल जैसे
ये रंग धूप का है ये रंग छाँव का है
मेहंदी का रंग नहीं माँ की दुआओं का है
इस मेहंदी का रंग है सच्चा बाकी सारे झूठे
हाथों से अब मेहंदी का रंग कभी ना छूटे
ओ भूमरो भूमरो ...

चंदा की पालकी में दिल की मुराद लाई
जन्नत का नूर लेके मेहंदी की रात आई
रुख पे सहेलियों के ख्वाबों की रोशनी है
सभी दुआएं मांगी रब ने कुबूल की है
ये हाथों की मेहंदी है या शाम की लाली
चांद सितारे लेकर आए रात निराली
ओ चंदा की पालकी में ...