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आये हो मेरी जिन्दगी में

आए हो मेरी ज़िन्दगी में
तुम बहार बन के
मेरे दिल में यूँ ही रहना
तुम प्यार प्यार बन के
आँखों में तुम बसे हो
सपने हज़ार बन के
मेरे दिल में यूँ ही,,,

Male

घूँघट में हर कली थी, रंगों में ना ढली थी
ना शोख थी हवाएँ, ना खुशबू मनचली थी
आया है अब के मौसम कैसा खुमार बन के
मेरे दिल में...

मन का नगर था खाली, सूखी पड़ी थी डाली
होली के रंग फीके, बेनूर थी दिवाली
रिमझिम बरस पड़े हो तुम तो फुहार बन के
मेरे दिल में...

Female

मेरे साथी मेरे साजन, मेरे साथ यूँ ही चलना
बदलेगा रंग ज़माना पर तुम नहीं बदलना
मेरी मांग यूँ ही भरना तारे हज़ार बन के
मेरे दिल में...

गर मैं जो रूठ जाऊँ, तो तुम मुझे मानना
थामा है हाथ मेरा, फिर उमर भर निभाना
मुझे छोड़ के ना जाना वादे हज़ार करके
मेरे दिल में...