तुम पास आये¶
तुम पास आये, यूँ मुस्कुराये तुमने न जाने क्या सपने दिखाये अब तो मेरा दिल, जागे न सोता है क्या करूँ हाय, कुछ कुछ होता है ...
न जाने कैसा एहसास है बुझती नहीं है क्या प्यास है क्या नशा इस प्यार का मुझपे सनम छाने लगा कोई न जाने क्यों चैन खोता है क्या करूँ हाय, कुछ कुछ होता है ...
क्या रंग लायी मेरी दुआ ये इश्क़ जाने कैसे हुआ बेचैनियों में चैन न जाने क्यों आने लगा तनहाई में दिल, यादें संजोता है क्या करूँ हाय, कुछ कुछ होता है ...